Sunday 20 August 2017

पंवाली कांठा ट्रैक - भाग 3

मग्गू चट्टी से पंवाली कांठा :-
(दिनांक 14-4-2017)


सुबह आंख खुली तो गजब की शांति चारों ओर बिखरी हुई थी। कमाल है, पूरी रात आंधी की वजह से जान सूखी पड़ी हुई थी, और अब ऐसा लग रहा था जैसे यहां कल एक पत्ता भी न हिला हो। टैण्ट व झोपड़ी से बाहर निकल कर देखा तो सूर्यदेव अपनी रौशनी बिखेरने के लिए बादलों से जंग लड़ रहे थे। हमारा कल शाम का आग सेकने के लिए बनाया अस्थायी छप्पर धराशायी हुआ पड़ा था।