भदरवाह पात मेला, चण्डी देवी और गुप्त गंगा
भदरवाह में प्रवेश करते ही प्रकृति की खूबसूरती के सामने मन ही मन नतमस्तक हो गए। क्या कमाल की जगह है। घाटी में बसा ये शहर अपने अन्दर अदभुत खूबसूरती समाये हुए है। वासुकी नाग इस क्षेत्र के ईष्ट देव हैं, शहर में प्रवेश करते ही वासुकी नाग देवता का मन्दिर दिखा तो मन्दिर को देखने चले गए। इस क्षेत्र के पौराणिक मन्दिर लगभग एक ही शैली के बने हैं। पटनी टॉप स्थित नाग देवता का मन्दिर भी इसी शैली का बना देखा था। ये भी छोठा सा मन्दिर है, लेकिन इसके सूचना पट पर एक अजीब सी सूचना लिखी देखी कि "इस मन्दिर में स्त्रियों का प्रवेश वर्जित है"। वहां पर कुछ महिलायें थी भी जो सीढ़ियों से ही अपने ईष्ट देव को नमन करके वापिस लौट रही थी। मालूम नहीं भागवान ने किसके कान में आ के ये कह दिया, कोई पुजारी भी मन्दिर में नहीं था, अन्यथा पूछता जरूर।