Monday 22 August 2016

सतोपन्थ ट्रैक (भाग ९)- सतोपन्थ से बद्रीनाथ वापसी

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सतोपन्थ से बद्रीनाथ वापसी
बुखार की वजह से पूरी रात अच्छे से सो नहीं पाया। कभी आँख लगती भी तो जोर से ग्लेशियरों के टूटने की आवाज आती। कभी ऊपर पहाड़ों से बर्फ के टूटकर गिरने की आवाज आती तो आँख खुल जाती। डर भी लग रहा था कि कहीं ये गिरकर हमारे ही ऊपर ना आ जाएँ। सुबह उजाला होते ही टेण्ट छोड़ दिया। मौसम अब भी साफ़ नहीं था। लग रहा था कभी भी बारिश हो सकती है।

सतोपन्थ से वापसी

Wednesday 3 August 2016

सतोपन्थ ट्रैक (भाग ८) - सतोपन्थ और यहाँ बिताये पल

सतोपन्थ और वहां बिताए पल



जैसे ही कोई भी मित्र झंडी के पास धार पर पहुँचता, ख़ुशी से चिल्लाने लगता। मुझे लगा कि कोई शानदार नजारा सामने दिख रहा होगा। मैंने भी एक जोर लगाया और ऊपर जा पहुंचा। जब इस धार पर पहुँचा तो सतोपन्थ ताल ठीक नजरों के सामने था। गहरे हरे रंग के पानी से बना त्रिकोण के आकार का ताल बेहद खूबसूरत लग रहा था।