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सतोपन्थ यात्रा (भाग ३) - जोशीमठ से वसुधारा
सतोपन्थ यात्रा (भाग ३) - जोशीमठ से वसुधारा
रात को सोने से पूर्व बाकी साथियों से बात हुई थी तो उनको कहा था कि सुबह दस बजे तक बद्रीनाथ पहुँच जाऊंगा। पिछले ३६ घण्टे से सोया ना होना और सफ़र की थकावट की वजह से सुबह आठ बजे आँख खुली। सुमित को उठाया तो उठ नहीं रहा था। फिर प्रवचन दिया कि तू क्या यहाँ सोने आ रखा है ? सुबह-सुबह के मेरे प्रवचनों से बचने का उसके पास जो सबसे अच्छा उपाय वो अपना सकता था, वही उसने अपनाया। बड़बड़ाते हुए उठ कर बाथरूम में घुस गया।